- चर्चा-ए-खास
- June 1, 2015
- Social Activities
मूक वधिरों की जिन्दगी संवारने में जुटे - श्री चौधरी
एक ओर जहां सारी दुनिया के लोग अर्थोपार्जन के पीछे भाग रही है, जिस कारण परिवार टूटता-बिखरता जा रहा है. माता-पिता अपने बच्चों का लालन पालन करने में, शिक्षा-दीक्षा देने में अपने भूमिका नहीं निभा पा रहे. वही कुछ लोग आज भी इस देश में जी रहे है, पर अपने लिए नहीं बल्कि समाज के उन अभिवंचित निःशक्त बच्चों के लिए जिनके पास न तो बोलने के लिए वो बचपन की तोतली मधुर आवाज और न ही सुनने के लिए कान किन्तु उन्हें भी उनकी आवाज और शिक्षा-दीक्षा देकर उसे समाज के सामान्य वर्ग जोरकर नई जिन्दगी जीने लिए तैयार करने को संकल्पित एक शख्श, जिनका नाम उपेन्द्र चौधरी, जिन्हें इस क्षेत्र में कोई पहचान की जरुरत नहीं.